प्रदूषण की समस्या पर निबंध | Pollution in hindi essay
प्रदूषण पर हिंदीं निबंध Pradushan par nibandh
आजकल का युग विज्ञान युग है। जिस तरह विज्ञान प्रगति कर रहा है उसी तरह दिन ब दिन नहीं समस्याएं बढ़ रही है। आज प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन गई है। इस लेख के माध्यम से हम pollution essay in hindi को प्राप्त करेंगे।
Pollution essay in hindi
हमारी पृथ्वी पर आज तीन तरह का प्रदूषण सबसे ज्यादा मात्रा मै है। जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण। भारत जैसे विकासशील देशों में प्रदूषण की समस्या बड़ी मात्रा में है। इस प्रदूषण का दुष्परिणाम देश के नागरिकों पर होता है। अशुद्ध पानी, प्रदूषित हवा और बड़ी मात्रा मै आवाज सुनने से शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होती है।
जल प्रदूषण
पृथ्वी पर जल यानी पानी के अनेक स्त्रोत उपलब्ध है। हमारी धरती के 71% हिस्से में पानी है। लेकिन इसमें से सिर्फ 3% पानी ही पीने लायक है। लेकिन आजकल जल प्रदूषण के कारण 1% ही पानी पीने लायक है।
जिस वक़्त स्वच्छ जल मै बाहर के प्रदूषित तत्व प्रवेश करते हैं तब जल प्रदूषण हुआ है ऐसा कहा जाता है। बाहर से जल में प्रवेश करने वाले इन हानिकारक तत्व को जल प्रदूषक कहा जाता है। आज आधुनिक काल मै जल प्रदूषण बढ़ गया है। नदी, तालाब और समुंदर में बड़ी मात्रा मै कचरा और जहरीले पदार्थ डाले जाते हैं। जिस कारण यह पदार्थ जल मै प्रवेश कर उसे प्रदूषित करते है। इस पानी को पीने से अनेक बीमारियां बढ़ती है।
जल प्रदूषण के कारण
कारखानों का कचरा
औद्योगिक कामकाज मै कई बार कचरा नदी मै छोड़ दिया जाता है। जिस कारण शुद्ध पानी मै रसायन मिलकर पानी प्रदूषित होता है।
खनन कार्य
खनन कार्य मै पत्थर फोड़ने के कार्य से कई हानिकारक पदार्थ बाहर आते है। जो पानी मै मिलने से अनेक रोग बढ़ते है।
घरगुती खराब पानी
घर के बाथरूम, शावर और टॉयलेट से निकलने वाला खराब पानी अच्छे पानी को प्रदूषित करता है।
वायु प्रदूषण
जब वातावरण में घातक पदार्थ जैसे गैस, धूल के कण, धुआ और गंदगी प्रवेश करती है तब वायु प्रदूषण होता है। वायु प्रदूषण के कारण वातावरण में दूषित हवा का प्रमाण बढ़ जाता है। जिसकारण मनुष्य को हवा मै श्वास लेना मुश्किल हो जाता है। दूषित हवा मै ज्यादा श्वास लेने के कारण हृदय रोग, कैंसर, मानसिक समस्याएं और किडनी के रोग होते है।
वायु प्रदूषण के कारण
लकड़ी जलाना
हमारे देश में आज भी खाना पकाने के लिए बड़ी मात्रा में लकड़ी का उपयोग किया जाता है। किन्तु लकड़ी जलाने से बड़ी मात्रा मै धुआं उत्पन्न होता है, जिससे वातावरण प्रदूषित होता है।
वाहनों से निकलने वाला धुआं
हवा को प्रदूषित कर वायु प्रदूषण बढ़ाने में वाहनों का सबसे बड़ा योगदान है। वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण प्रदूषण बढ़ता है।
फैक्ट्री से निकालने वाला धुआं
आधुनिकीकरण के पार देश में कारखानों की संख्या दिन ब दिन बढ़ रही है। कारखानों से निकलने वाले धुएं को खुले आसमान में छोड़ने के कारण वायु प्रदूषण बढ़ता है।
ध्वनि प्रदूषण
आज धरती पर बढ़ रही जनसंख्या के कारण कई समस्याएं निर्माण हो रही है। जिसमें से ध्वनि प्रदूषण भी एक समस्या है। एक सामान्य मनुष्य की आवाज सुनने की क्षमता 80 डेसीबल तक होती है। 80 डेसिबल से ज्यादा आवाज सुनने के कारण सर दर्द और स्वास्थ्य का खराब होना आदि समस्याएं निर्माण होती है। और अगर यही आवाज 130-150 डेसिबल तक पहुंच जाए तो इंसान बेहरा भी हो सकता है।
ध्वनि प्रदूषण बढ़ाने वाले साधन
गाड़ियों से निकलने वाली आवाज
आज रास्ते पर चल रही गाड़ियों बड़ी मात्रा में ध्वनि प्रदूषण निर्माण कर रही है। गाड़ियों के इंजन और हॉर्न के आवाज के कारण कानों की बीमारियां बढ़ती है।
हवाई जहाज से बढ़ने वाला ध्वनि प्रदूषण
हवाई जहाज इतना दूर होते हुए भी बड़ी मात्रा मै ध्वनि प्रदूषण निर्माण करता है। एयरपोर्ट से लेकर 100 वर्ग किलोमीटर तक ध्वनि प्रदूषण निर्माण होता है।
मनोरंजन के कारण होने वाला ध्वनि प्रदूषण
आजकल जब भी घर या समाज में कोई खुशी का माहौल होता है तब लोग फटाखे फोड़ कर आनंद मानते है। धार्मिक उत्सव जैसे दीवाली, ईद, क्रिसमस और नए साल के समय बड़ी मात्रा मै पटाखे जलाए जाते हैं जिस कारण ध्वनि प्रदूषण के साथ वायु प्रदूषण भी बढ़ता है।
प्रदूषण की समस्या पर निबंध | Pollution in hindi essay
Reviewed by Mohit patil
on
दिसंबर 15, 2020
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