श्री सूक्त लिरिक्स हिन्दी | Sri suktam lyrics in Hindi

Sri suktam lyrics in Hindi :  नमस्कार दोस्तों इस लेख मैं आप सभी का स्वागत हैं । दोस्तों संसार मैं शायद ही कोई प्राणी होगा जो देवी लक्ष्मी की कृपा न चाहता हो। देवी लक्ष्मी धन, सुख-समृद्धि, सफलता और अपार वैभव की देवता हैं। जो भी व्यक्ति देवी लक्ष्मी की आराधना कर उन्हे प्रसन्न कर लेता हैं वो अपार धन की प्राप्ति कर पाता हैं। 

प्राचीन वेदों मैं एक से बढ़कर एक चमत्कारी मंत्र बताए गए हैं। इन्ही ग्रंथों मैं से एक है ऋग्वेद। मित्रों ऋग्वेद मैं माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ‘श्री-सूक्त’ के पाठ और मन्त्रों के जप तथा मन्त्रों से हवन करने पर मनचाही मनोकामना पूरी होने की बात कही हैं । 

मूलतः ऋग्वेद के दूसरे अध्याय के छठे सूक्त अनुष्टुप छन्द में आनंदकर्दम ऋषि द्वारा श्री लक्ष्मी देवता को समर्पित काव्यांश श्री सूक्त मंत्र है। इस लेख मैं हम आपके लिए श्री सूक्त लिरिक्स - Sri suktam lyrics in hindi लेकर आए हैं । इस मंत्र को आप सेव कीजिए और नियमित इसके पाठ से देवी लक्ष्मी की कृपा को प्राप्त कीजिए।


श्री सूक्त लिरिक्स | Sri suktam lyrics in Hindi 


|| हरिः ॐ ||

हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्त्रजाम् ।

चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह


तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।

यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम्


अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनाद प्रबोधिनीम् ।

श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवीर्जुषताम्


कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् ।

पद्मे स्थितां पद्मवर्णां तामिहोपह्वये श्रियम् ॥


चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम् ।

तां पद्मिनीमीं शरणमहं प्रपद्येऽलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणो ॥


आदित्यवर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽथ बिल्वः ।

तस्य फलानि तपसा नुदन्तु मायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः ॥


उपैतु मां देवसखः कीर्तिश्च मणिना सह ।

प्रादुर्भूतोस्मि राष्ट्रेऽस्मिन् किर्तिमृद्धिं ददातु मे ॥


क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।

अभूतिमसमृद्धिं च सर्वां निर्णुद मे गृहात् ॥


गन्धद्वारां दुराधर्षां नित्यपुष्टां करीषिणीम् ।

ईश्वरीगं सर्वभूतानां तामिहोपह्वये श्रियम्


मनसः काममाकूतिं वाचस्सत्यमशीमहि ।

पशूनां रुपमन्नस्य मयि श्रीः श्रयतां यशः ॥


कर्दमेन प्रजा-भूता, मयि सम्भ्रम-कर्दम।

श्रियं वासय मे कुले, मातरं पद्म-मालिनीम्॥


आपः सृजन्तु स्निग्धानि, चिक्लीत वस मे गृहे।

निच-देवी मातरं श्रियं वासय मे कुले


आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं, सुवर्णां हेम-मालिनीम्।

सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो ममावह ॥


तां म आ वह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम्।

यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरुषानहम् ॥


यः शुचिः प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम्।

सूक्तं पञ्चदशर्चं च श्रीकामः सततं जपेत् ॥


पद्मानने पद्मविपद्मपत्रे पद्मप्रिये पद्मदलायताक्षि।

विश्वप्रिये विष्णुमनोऽनुकूले त्वत्पादपद्मं मयि सं नि धत्स्व ॥


पद्मानने पद्मऊरु पद्माक्षि पद्मसम्भवे।

तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम् ॥


अश्वदायि गोदायि धनदायि महाधने।

धनं मे जुषतां देवि सर्वकामांश्च देहि मे ॥


पुत्रपौत्रधनं धान्यं हस्त्यश्वाश्वतरी रथम्।

प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु मे ॥


धनमग्निर्धनं वायुर्धनं सूर्यो धनं वसुः।

धनमिन्द्रो बृहस्पतिर्वरुणो धनमश्विना ॥


वैनतेय सोमं पिब सोमं पिबतु वृत्रहा।

सोमं धनस्य सोमिनो मह्यं ददातु सोमिनः ॥


न क्रोधो न च मात्सर्यं न लोभो नाशुभा मतिः।

भवन्ति कृतपुण्यानां भक्त्या श्रीसूक्तजापिनाम् ॥


सरसिजनिलये सरोजहस्ते

धवलतरांशुकगन्धमाल्यशोभे।

भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे

त्रिभुवनभूतिकरि प्र सीद मह्यम् ॥


विष्णुपत्नीं क्षमां देवीं माधवीं माधवप्रियाम्।

लक्ष्मीं प्रियसखीं भूमिं नमाम्यच्युतवल्लभाम् ॥


महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि।

तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ॥


आनन्दः कर्दमः श्रीदश्चिक्लीत इति विश्रुताः।

ऋषयः श्रियः पुत्राश्च श्रीर्देवीर्देवता मताः ॥


ऋणरोगादिदारिद्र्यपापक्षुदपमृत्यवः।

भयशोकमनस्तापा नश्यन्तु मम सर्वदा ॥


श्रीर्वर्चस्वमायुष्यमारोग्यमाविधाच्छोभमानं महीयते।

धनं धान्यं पशुं बहुपुत्रलाभं शतसंवत्सरं दीर्घमायुः ॥


तो दोस्तों यह था Sri suktam lyrics in Hindi। हम आशा करते हैं की श्री सूक्त लिरिक्स आपके लिए उपयोगी रहा होगा। हम प्रार्थना करते हैं की इस मंत्र के नियमित जप से आप माँ लक्ष्मी की  कृपा प्राप्त करे और अपने जीवन मैं धन संपत्ति तथा सुख समृद्धि का आनंद ले । धन्यवाद..


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श्री सूक्त लिरिक्स हिन्दी | Sri suktam lyrics in Hindi श्री सूक्त लिरिक्स हिन्दी | Sri suktam lyrics in Hindi Reviewed by Mohit patil on जनवरी 26, 2022 Rating: 5

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