समाधि अवस्था क्या है और समाधि कैसे प्राप्त करें | Samadhi avastha
समाधि कैसे प्राप्त करें ?
हमारे देश भारत मै शायद ही कोई होगा जो समाधि शब्द से परिचित न हो। हमारे धार्मिक ग्रंथो मै समाधि का जिक्र मिलता है। लेकिन आपके मन मै भी कभी न कभी यह खयाल आया होगा कि आखिर समाधि अवस्था क्या है? समाधि कैसे प्राप्त करें और समाधि अवस्था मै व्यक्ति को कैसा महसूस होता है? तो आजके इस पोस्ट मै, हम आपको The state of samadhi के बारे मै बताने वाले हे साथ ही जानेंगे की किस तरह आप भी समाधि को प्राप्त कर सकते है। तो चलिए शुरू करते है।
समाधि अवस्था क्या है? - Samadhi avastha kya hai
समाधि एक संस्कृत शब्द है। हमारे देश मै सामान्यतः जब किसी व्यक्ति को दफनाया जाता है तब उसके ऊपर बनाए गए स्मारक को समाधि कहा जाता है। किन्तु हमारे शास्त्रों मै समाधि ध्यान की एक ऐसी अवस्था होती है जिसमें साधक की बाहरी चेतना विलुप्त हो जाती है। इस स्थिति को मानव चेतना की सर्वोच्च अवस्था भी कहां जाता है। समाधि की इस अवस्था का उल्लेख सनातन धर्म के अलावा बौद्ध और जैन धर्म मै भी किया गया है।
हमारे शास्त्रों मै समाधि की अवस्था के बारे मै कुछ इस प्रकार बताया गया है।
तदेवार्थ मात्र निर्भासं स्वरूप शून्यमिव समाधि।।
न गंध न रसं रूपं न च स्पर्श न नि:स्वनम्।
नात्मानं न परस्यं च योगी युक्त: समाधिना।।
अर्थात ध्यान का अभ्यास करते करते साधक ऐसी अवस्था में पहुंच जाता है जहां उसे रस, गंध, रूप, स्पर्श और शब्द इन विषयो का ज्ञान नहीं रहता। उसे अपने पराए मान अपमान की चिंता नहीं रहती। जब शरीर और मन पूर्ण रूप से नियंत्रित हो जाता तब असल समाधि अवस्था होती है।
समाधि कैसे प्राप्त करें - Samadhi meditation in hindi
अब हम जानते है कि किस तरह आप भी ध्यान से समाधि अवस्था को प्राप्त कर सकते है। ध्यान की सर्वोत्तम अवस्था निर्विचार समाधि को प्राप्त करने के लिए सबसे पहले आपको नित्य सुबह ब्रह्ममुहुर्त मै उठना है। दोस्तो ब्रह्ममुहुर्त मै उठने के बाद आपको नित्य निर्विचार ध्यान करना है। अगर आप जानना चाहते है कि किस तरह आप निर्विचार ध्यान कर सकते है। तो यहापर क्लिक कीजिये> ध्यान कैसे करे?
हमारे उपनिषदो के अनुसार कीसी व्यक्ति को समाधि प्राप्त करने के लिए अनावश्यक गतिविधियों से बचना चाहिए। समाधि की इच्छा करने वाले साधक को संयमित वाणी, संयमित शरीर और संयमित मस्तिष्क की आवश्यकता होती है। उसे आध्यात्मिक जीवन की सभी कठिनाइयों के प्रति न केवल सहनशील होना चाहिए अपितु उसका त्यागी और धैर्यवान होना भी आवश्यक है। एक व्यक्ति वास्तव में अपनी सच्ची प्रकृति और आत्ममान केवल समाधि के द्वारा ही प्राप्त कर सकता है।
स्वामी विवेकानंद जी द्वारा बताए गए चार योग राजयोग, कर्मयोग, भक्तियोग और जननयोग..., इनमें से कैसी भी योग की सहायता से व्यक्ति समाधि अवस्था को प्राप्त कर सकता है। अगर आप इन योग के बारे मै जानना चाहते है तो हमें कॉमेंट करके बताइए। हम आने वाले समय मै इसपर भी जानकारी लिख देंगे।
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तो दोस्तो आजकी इस पोस्ट मै हमने समाधि अवस्था के बारे मै जानकारी प्राप्त की उम्मीद करते है की आपको समाधि कैसे प्राप्त करें इस विषय की जानकारी मिली होगी | अगर आपको यह जानकारी पसंद आई तो शेयर जरुर करे धन्यवाद।
सनातन क्या है ये सबसे पहले कहाँ उपयोग हुआ और कब इसका प्रमाण सहित उत्तर दें।
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