ध्यान क्या है और कैसे करे | Meditation kaise karte hain

ध्यान करने का महत्व लगभग सभी धर्मो मै बताया गया है। विशेषतः बौद्ध और सनातन धर्म मै ध्यान का विशेष महत्व बताया गया है। कलयुग मै मानसिक शांति और परमेश्वर प्राप्ति का एकमेव मार्ग ध्यान ही है। ध्यान यानी Meditation एक ऐसा रास्ता है जो हमारे जीवन को और बेहतर बनाने में हमारी मद्त करता है यह न केवल हमारी मानसिक शांति को बनायें ऱखने में योगदान देता है बल्कि यह हमारे जीवन के उद्देश्य को प्राप्त करने में भी भूमिका अदा करता है। ध्यान करने से व्यक्ति परमेश्वरी शक्ति को जाग्रीत कर शारीरिक रोगों से भी मुक्ति पा सकता है। परमेश्वरी प्रेम की शक्ति हर व्यक्ति मै जन्म से ही स्थित होती है। हमारे शास्त्रों में इस शक्ति को सर्पशक्ती या कुण्डलिनी शक्ति भी कहा गया अगर आप कुण्डलिनी शक्ति के बारे मै जानकारी जानना चाहते हैं। तो आगे दी गयी लिंक को देखे। कुण्डलिनी शक्ति क्या है 



ध्यान क्या है? Dhyan Kya Hai?

दोस्तो सबसे पहले हम जानते है कि आसान शब्दो मे ध्यान की परिभाषा क्या है।। ध्यान या फिर meditation एक ऐसी प्रकिया है जो आपके गतिशिल मन और इच्छाओ पर नियंत्रण करना सिखाती है और साथ ही व्यक्ति के अंदर की असीम शक्तियों को पहचाने में भी मद्त कराती है। वैज्ञानिको का मानना है कि एक साधारण इंसान अपने पूरे दिमाग का सिर्फ 10 प्रतिशत ही उपयोग करता है. अपने दिमाग का पुरी तरह इस्तेमाल करणे के लिये एकमात्र उपाय ध्यान हैं. इस बात को वैज्ञानिक भी मानते है की ध्यान करने से शरीर मै एकग्रता और सकारात्मकता का विकास होता है ध्यान से चिंता, मानसिक तनाव कम होने के साथ ही, सोचने की क्षमता मै बढ़ोतरी भी होती है। 


तो चलिए अब हम जानते है की ध्यान कैसे किया जाता है। 


घरपे ध्यान कैसे करे meditation kaise karte hain


ध्यान करने के लिए सबसे पहले एक उचित समय का निर्धारण करें। हमारे शास्त्रों के अनुसार ध्यान के लिए प्रातः ब्रह्म मुहूर्त का समय सर्वश्रेष्ठ होता है। ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 4 से 5:30 बजे के बीच होता है। अगर आप ब्रह्ममुहुर्त के बारे मै अधिक जानकारी जानना चाहते है तो आगे दी गयी लिंक को देखे ब्रह्ममुहूर्त क्या है  


ब्रह्म मुहूर्त मै जगने के बाद आपको घर के शांत कोने मै जाकर बैठना है। वैसे को ध्यान करने के लिए कोई विशिष्ट नियम नहीं है लेकिन जमीन पर बैठकर ध्यान करना ज्यादा सही रहता। जमीन पर बैठने से धरनी माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए जमीन पर साधारण पद्धति में अपने पैरों को मोड़कर सुखासन मै बैठे।  इसके बाद अपने दोनो हाथो को ध्यान की मुद्रा मै अपनी गोद में रखे, आप अपने हाथो की बिना किसी मुद्रा बनाए खुला भी रख सकते है। अब धीरे धीरे अपनी आंखो की बंद करे। चार से पाच बार गहरी सासे ले। अपने चित्त को सासो पर बनाए रखे। इसके बाद आपको सामान्य गति से श्वासोश्वस करते रहना है और अपने चित्त को श्वासो पर ही बनाए रखना है। 


ध्यान का एकमात्र उद्देश्य यही है कि आपको अपने विचारों को रोककर निर्विचारीता प्राप्त करनी हैं। यह बात भी सत्य है कि विचार करना एक नैसर्गिक प्रक्रिया है। और आप अपने विचारो को पूरी तरह रोक नहीं सकते। लेकिन दो विचारो मै जो गैप होता है आपको उसे बढ़ाने का प्रयास करना है। दो विचारो मै आने वाले इस समय को 'विलंब' कहा जाता है। ध्यान के माध्यम से आपको इसी विलंब के समय को बढ़ाते जाना है। 


अगर आप हर दिन इसी तरह ध्यान करेंगे तो आप पाएंगे कि आपमें संतुलन निर्माण हो रहा है। शरीर मै संतुलन निर्माण होने पर मानसिक और शारीरिक दोनो बीमारियां समाप्त हो जाती है। नित्य ध्यान करने वाला व्यक्ति एक संतुलित और स्वस्थ जीवन जीता है।

ध्यान क्या है और कैसे करे | Meditation kaise karte hain ध्यान क्या है और कैसे करे | Meditation kaise karte hain Reviewed by Mohit patil on दिसंबर 03, 2020 Rating: 5

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