माथे पर तिलक लगाने के फायदे। तिलक लगाने का सही तरीका। Importance of applying tilak.
माथे पर तिलक लगाने के फायदे और तिलक लगाने का सही तरीका-
आज शायद भारत के सिवा और कहीं भी मस्तक पर तिलक लगाने की प्रथा प्रचलित नहीं है। यह रिवाज अत्यंत प्राचीन है, और माना जाता है कि मनुष्य के मस्तक के मध्य में विष्णु भगवान का निवास होता है, और तिलक को भी ठीक इसी स्थान पर लगाया जाता है।
आज के युग के मॉडर्न युवा भलेही तिलक लगाने मै शर्म मानते हो लेकिन आपको बता दे की मनोविज्ञान की दृष्टि से भी तिलक लगाना उपयोगी माना गया है। कपाल पर तिलक लगाने की परम्परा हिंदू धर्म संस्कृति में अनादि काल से चली आ रही है। सामाजिक सांस्कृतिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से यह काफी महत्वपूर्ण है। तिलक व्यक्ति के व्यक्तित्व को एक गरिमा प्रदान करता है। मन-मस्तिष्क को शांति व शीतलता प्रदान करता है साथ ही शरीर की पवित्रता का परिचायक भी है।
तिलक को भृकुटि यानी दोनों भौंहों के बीच त्रिवेणी स्थान पर लगाया जाता है। मस्तिष्क के बीच इसी स्थान पर हमारा छठा चक्र जिसे हम आज्ञाचक्र कहते वह होता है। आज्ञा चक्र के इसी स्थान पर इडा पिंगला व सुषुम्ना नाड़ी का संगम स्थान है, अज्ञाचक्र आखो की पवित्रता को दर्शाता है तिलक लगाने से व्यक्ति की आंखो मै पवित्रता आती है जिस कारण बुरी चीजों को व्यक्ति नहीं देखता। इसी स्थान पर महिलाएं टीका, बिंदी लगाती हैं। अनेक महिलाएं विशेष अवसरों पर नाक के ऊपर से भृकुटि से होते हुए कपाल व मांग तक तिलक का टीका भरती हैं।
पूजा-अर्चना बिना तिलक लगाए नहीं की जाती। तिलक लगाने के समय सिर पर एक हाथ रखने की परम्परा है, यह भी मन-मस्तिष्क शांत रखने की एक प्रक्रिया है।
तिलक लगाने का सही तरीका-
सनातन धर्म मै तिलक लाल व सफेद चंदन, कुमकुम, मिट्टी, हल्दी, भस्म, रोली, सिंदूर और गोपी चंदन इसके अलावा कभी कभी पानी से भी लगाया जाता है।
सबसे पहले जानते है कि किस तरह के तिलक को कब लगाना चाहिए।
1) केसर और हल्दी का तिलक लगाने के फायदे-
केसर और हल्दी का सीधा संबंध गुरु ग्रह से होता है। अगर आपकी कुंडली में गुरु की दशा चल रही है तो आप रोजाना स्नान के बाद केसर या फिर हल्दी का तिलक लगा सकते है।
2) लाल चंदन का तिलक लगाने के फायदे-
लाल चंदन का तिलक लगाने से भगवान गणेश प्रसन्न होते है साथ ही सूर्य और बुध ग्रह भी मजबूत होते हैं। इसलिए अगर आप सूर्य और बुध की दशा ठीक करना चाहते है तो रोजाना लाल चंदन का तिलक लगा सकते है।
3) सिंदूर का तिलक लगाने के फायदे-
माथे पर सिंदूर का तिलक लगाने से देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आप चाहें तो शुक्रवार के दिन लाल सिंदूर का तिलक मां लक्ष्मी को चढ़ाने के साथ ही अपने माथे पर लगाएं। इससे आपका तनाव कम होने के साथ ही आपको मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होगी
4) भभूत का तिलक लगाने के फायदे-
भभूत या श्मशान की भस्म से तिलक करने पर भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। भभूत भगवान शिव की प्रिय वस्तुओं में से एक माना जाता है। भगवान शिव की पूजा में भभूत का प्रयोग अनिवार्य माना जाता है।
तो यह थे अलग अलग प्रकार के कुछ तिलक जिन्हें लगाने से आपको अलग अलग लाभ प्राप्त होते है। चलिए अब हम आपको बताते है कि वास्तु के अनुसार अलग अलग उंगलियों से तिलक लगाने का असर क्या होता है।
1)तर्जनी उंगली से तिलक लगाना:
यह अंगुली अंगूठे के बाद वाली होती है। वेदों में तर्जनी अंगुली से तिलक लगाने को मोक्ष से जोड़कर देखा गया है। यानि तर्जनी अंगुली से तिलक लगाने पर मोक्ष प्राप्ति की मान्यता है। इसलिए तर्जनी अंगुली से तिलक लगाया जाता है।
2) बीच वाली उंगली से तिलक लगाना।
अच्छे काम के लिए घर से बाहर निकलने से पहले मध्यमा उंगली से तिलक लगाना शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति को काम में सफलता मिलती है। हिंदू धर्म की मान्यता है कि बीच वाली उंगली में शनि ग्रह का वास होता है। शनि ग्रह सफलता का प्रतीक माना जाता है इसलिए इस उंगली से तिलक करने पर व्यक्ति को अपने कार्य में सफलता मिलती है। इसलिए किसी भी शुभ कार्य मै जाते वक्त बीच वाली उंगली से ही तिलक लगाए।
3) रिंग फिंगर या फिर अनामिका उंगली-
अनामिका उंगली से माथे पर तिलक लगाने से मन शांत हो जाता है। अनामिका में सूर्य वास करता है। मन को शांत करने के साथ-साथ इस उंगली से लगाया गया तिलक चेहरे पर चमक भी लाता है। भगवान की तस्वीर पर तिलक लगाने के लिए इसी उंगली को शुभ माना जाता है। कोर्ट केस पर जीत हासिल करने के लिए या फिर कहीं पर फसा हुआ धन हासिल करना है तो भी अंगूठे से तिलक लगाने पर आपको सफलता आवश्य मिलेगी।
4) अंगूठे से तिलक लगाना-
वास्तु शास्त्र के अनुसार अंगूठे में शुक्र ग्रह का वास होता है, जो अच्छी सेहत और धन का प्रतीक है। यदि घर पर कोई लंबे सामय से बीमार चल रहा है तो उसके माथे पर अंगूठे से चंदन का टीक रोजाना करें। ऐसा करने से वह जल्द ठीक हो जाएगा।
तो दोस्तो यह था सनातन संस्कृति मै बताया हुआ तिलक लगाने का महत्व। उम्मीद करता हूं कि आप लोग भी आज से तिलक जरुर लगाएंगे और अधिक से अधिक आध्यात्मिक उन्नति को प्राप्त करेंगे।
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