भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की कहानी। Matsya Avatar Story in hindi

भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की कहानी। Lord Vishnu Matsya Avatar Story in hindi

दोस्तों अधर्म का नाश कर धर्म की पुनः स्थापना हेतु भगवान विष्णु हर युग मे अवतार लेते है। आज तक अलग अलग युगों मैं भगवान विष्णु के नौ अवतार हो चुके हैं। भगवान विष्णु  का प्रथम अवतार मत्स्य यानि मछली का अवतार माना जाता हैं। 

इस लेख मैं हम भगवान विष्णु का प्रथम अवतार मत्स्य अवतार की कहानी - Matsya avatar story in Hindi को जानेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं। 


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मत्स्य अवतार की कहानी - Matsya Avatar Story in Hindi

सतयुग के प्रारंभ में भगवान विष्णु का प्रथम अवतार हुआ था जिसे मत्स्य या मछली का अवतार माना जाता है। इस काल में द्रविड़ देश में सत्यव्रत नाम के महान राजा राज करते थे। एक बार नदी में स्नान करते हुए उन्हें एक मछली मिली। जिसे वे अपने महल ले आए। वह मछली और कोई नहीं बल्कि भगवान विष्णु का प्रथम अवतार मत्स्य अवतार थी। मछली ने राजा सत्यव्रत से कहा कि हे राजन हिग्रीव नामक एक राक्षस ने वेदों को चुरा लिया है। उस राक्षस का वध करने के लिए मैंने यह अवतार लिया है। आज से सातवें दिन पृथ्वी जल प्रलय से डूब जाएगी। तब तक तुम एक बड़ी सी नाव का इंतजाम कर लो और प्रलय के दिन सप्त ऋषियो के साथ सभी तरह के प्राणियों तथा औषधि बीजो को लेकर नाव पर चढ़ जाना। मैं प्रलय के दिन तुम्हें रास्ता दिखाऊंगा।

इसके बाद सत्यव्रत ने भगवान द्वारा बताई गई सभी तैयारियां कर ली और वे प्रलय की प्रतीक्षा करने लगे। सातवें दिन पहले का दृश्य उमड़ पड़ा समुद्र अपनी सीमा से बाहर बहने लगा। सत्यव्रत सप्तर्षियों के साथ नाव पर चढ़ गए।


मत्स्य अवतार की कहानी

नाव प्रलय के सागर में तैरने लगी। प्रलय के उस सागर में उस नाव के अतिरिक्त कहीं भी कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था. तभी वहां पर मत्स्य रूपी भगवान विष्णु प्रगट हुए। अपने वचन के अनुसार उन्होंने वासुकि नाग का रस्सी की तरह उपयोग कर नौका को प्रलय से बाहर निकालने का रास्ता दिखाया। साथ ही सत्यव्रत को आत्मज्ञान प्रदान किया। बताया- "सभी प्राणियों में मैं ही निवास करता हूँ। न कोई ऊँच है, न नीच। सभी प्राणी एक समान हैं। जगत् नश्वर है। नश्वर जगत् में मेरे अतिरिक्त कहीं कुछ भी नहीं है। जो प्राणी मुझे सबमें देखता हुआ जीवन व्यतीत करता है, वह अंत में मुझमें ही मिल जाता है।" 

मत्स्य रूपी भगवान से आत्मज्ञान पाकर सत्यव्रत का जीवन धन्य हो उठा। वे जीते जी ही जीवन मुक्त हो गए। प्रलय का प्रकोप शांत होने पर मत्स्य रूपी भगवान ने हयग्रीव को मारकर उससे वेद छीन लिए। भगवान ने ब्रह्माजी को पुनः वेद दे दिए। इस प्रकार भगवान ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों का उद्धार तो किया ही, साथ ही संसार के प्राणियों का भी अमित कल्याण किया। भगवान इसी प्रकार समय-समय पर अवतरित होते हैं और सज्जनों तथा साधुओं का कल्याण करते हैं। 


मत्स्य अवतार की कहानी वीडियो देखें



तो दोस्तों यह थी भगवान विष्णु का प्रथम अवतार, मत्स्य अवतार की कहानी (Matsya Avatar Story in hindi) | उम्मीद करते हैं की matsya avatar in hindi संबंधी यह जानकारी प्राप्त कर आपको अच्छा लगा होगा। विष्णु अवतार से जुड़ी यह जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताये। धन्यवाद..


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भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की कहानी। Matsya Avatar Story in hindi भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की कहानी। Matsya Avatar Story in hindi Reviewed by Mohit patil on सितंबर 07, 2020 Rating: 5

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