why krishna not married radha in Hindi। भगवान कृष्ण और राधाजी का विवाह क्यों नही हुआ?
भगवान कृष्ण ने राधा से विवाह क्यों नहीं किया? Why Krishna not marry with Radha in Hindi.
हिंदू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण को विष्णु जी का अवतार माना जाता है। अपने इस अवतरण में उन्होंने एक बार फिर धरती से अधर्म का नाश कर धर्म की पुनः स्थापना की थी। जिस तरह भगवान कृष्ण ने धरती से अधर्म को समाप्त किया था। ठीक उसी तरह उन्होंने दुनिया को प्रेम का महत्व भी समझाया था।
भगवान कृष्ण और राधा जी की प्रेम कहानी के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे। कृष्ण और राधा का प्रेम अलौकिक था। लेकिन अगर हम भगवान कृष्ण के जीवन को देखें तो कहा जाता है कि उन्होंने राधा जी से विवाह नहीं किया था।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या कारण था कि भगवान कृष्ण ने अपनी प्रेमिका राधा से विवाह नहीं किया?
इस बात को समझने के लिए हमें भगवान विष्णु के अवतार से पहले की कहानी के बारे में जानना होगा।
इस कहानी के अनुसार एक बार दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या कर रहे थे। तभी भगवान इंद्र और अन्य देवताओं ने मिलकर असुरों के विरुद्ध युद्ध शुरू किया। असुरों की जब हार होने लगी तब उन्होंने छुपने के लिए जगह ढूंढना शुरू किया। उसी वक्त उन्हें सप्तर्षियों में से एक भृगु ऋषि का आश्रम दिखा। उन्होंने आश्रम में जाकर भृगु ऋषि की पत्नी काव्य माता से विनती की कि वे देवताओं से उनकी रक्षा करें। इसके बाद काव्य माता ने सभी असुरों को अपने आश्रम में छुपने को कहा।
जब देवराज इंद्र सभी देवता गनो के साथ वहां पहुंचे तब उन्होंने काव्य माता से असुरों को उन्हें सौंपने को कहा। लेकिन काव्य माता ने इंकार कर दिया। तब देवराज इंद्र ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की कि वे उनकी मदद करें।
भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र को काव्य माता की ओर छोड़ दिया। सुदर्शन चक्र के प्रहार से उनका सिर धड़ से अलग हो गया। इसके बाद जब भृगु ऋषि अपने आश्रम पहुंचे और उन्होंने अपने मृत पत्नी का शरीर देखा तब वे क्रोधित हो गए।
और उन्होंने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि वे धरती पर अवतरण लेंगे और अपने अपराध के दंड स्वरूप वही दुख भोगेंगे जो दु:ख भृगु ऋषि ने अपनी पत्नी के वियोग मैं भोगा।
तो यही वह श्राप था जिस कारण भगवान विष्णु को अपने कृष्ण अवतार में राधा जी से दूर होना पड़ा। और उनका विवाह रुक्मणि से हुआ था। हालाकि माना ये भी जाता है कि राधाजी और रुक्मणि जी दोनों मा लक्ष्मी की ही अवतरित शक्तियां थी।
लेकिन अब सवाल ये उठता है कि आखिर राधा जी का विवाह किससे हुआ? राधा जी का विवाह उनके पिता के परम मित्र उग्रपत की इच्छानुसार उनके बेटे आयान से कर दिया जाता है। आयान अपने पूर्व जन्म मै अभिमन्यु के नाम से जाना जाता था उसके पूर्व जन्म के पुण्यकर्मों के कारण उसका विवाह राधा जी से होता है।
तो यही कारण थे जिस कारण भगवान कृष्ण का राधा जी से विवाह नहीं हुआ। उनका अवतरण धरती पर संसार के मुक्ति दाता के रूप में हुआ था और जहां तक बात करे राधा जी की तो वे तो सदा सदा से भगवान कृष्ण की ही शक्ति के रूप मै कार्यरत थी।
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