T-series और गुलशन कुमार की सफलता की कहानी। Success story of T series and Gulshan Kumar
गुलशन कुमार और t series की सफलता की कहानी। (Story of t series and Gulshan Kumar in Hindi)
गुलशन कुमार टी सीरीज म्यूजिक कंपनी के फाउंडर होने के साथ-साथ बॉलीवुड मूवी के प्रोड्यूसर भी रहे हैं। उन्हें अपने भजनों और भक्ति गीतों के लिए भी जाना जाता है।
माना जाता है कि टी सीरीज कंपनी के इस नाम में टी का मतलब त्रिशूल है यानी इस कंपनी का पूरा नाम त्रिशूल सीरीज है। गुलशन कुमार भगवान शिव के बड़े भक्त हैं और क्योंकि भगवान शिव का अस्त्र त्रिशूल होता है इसलिए कंपनी का नाम टी सीरीज रखा गया।
शुरुआती दिनों में यह कंपनी हिंदी पॉप म्यूजिक और बॉलीवुड म्यूजिक साउंड ट्रैक के लिए जानी जाती थी। लेकिन साल 2014 से टी सीरीज देश का सबसे बड़ा म्यूजिक रिकॉर्ड बना चुकी है।
म्यूजिक लेवल के रूप में खास पहचान बनाने वाली यह कंपनी एक फिल्म प्रोडक्शन कंपनी भी है। जिसने स्ट्रीट डांसर, तिन्हांजी, कबीर सिंह, साहो, भारत, आशिकी और दिल है कि मानता नहीं जैसी सुपरहिट फिल्में बनाई है।
गुलशन कुमार की जीवन कहानी (Story of Gulshan Kumar in Hindi)-
गुलशन कुमार जिन्होंने इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री में अपनी बहुत खास पहचान बनाई वे हमेशा से इतने सफल और संपन्न नहीं थे। गुलशन कुमार दिल्ली के एक आम परिवार में जन्मे थे और फ्रूट जूस बेचा करते थे लेकिन उन्हें म्यूजिक का काफी शौक था और उन्हें मार्केट के डिमांड की भी अच्छी समझ थी। उनकी इसी दूरदृष्टि ने t-series को पहचान दिलाई। 80 के दशक में म्यूजिक की कैसेट का चलन ज्यादा नहीं था इसलिए हर किसी तक यह कैसेट नहीं पहुंच पाती थी। उस समय मिलने वाले म्यूजिक रिकॉर्डर का प्रोडक्शन काफी कम हुआ करता था और वे काफी महंगे भी होते थे इसके मुकाबले कैसेट काफी कम कीमत में बन जाया करते थे और उन्हें ट्रांसपोर्ट करना भी आसान था। इसलिए मार्केट की डिमांड को देखते हुए गुलशन कुमार ने 1983 में टी सीरीज कंपनी खोली और ऑडियो कैसेट बेचने लगे। ऐसा करने से म्यूजिक के शौकीन लोगों तक कम कीमत में म्यूजिक की कैसेट सोचने लगी और गुलशन कुमार को भी इससे काफी फायदा हुआ।लेकिन शुरुआती दिनों में कंपनी ओरिजिनल सॉन्ग के बजाए दूसरी कंपनियों के पायरेटेड सॉन्ग बेचती थी और इस कंपनी का पहला ओरिजिनल साउंडट्रेक 1984 की फिल्म 'लल्लूराम' के लिए बना। इससे कंपनी को कोई खास पहचान तो नहीं मिल पाई लेकिन जब 1988 में 'कयामत से कयामत तक' जैसी सुपरहिट मूवी आई और इसके सुपरहिट सॉन्ग ने धूम मचाई तभी मूवी के साउंड ट्रैक को बनाने वाली कंपनी टी सीरीज को काफी फायदा और पहचान मिली।
गुलशन कुमार की हुई हत्या (Gulshan Kumar's death in Hindi)
लेकिन टी सिरीज़ का यह सफर तब थम गया जब 41 साल की उम्र में गुलशन कुमार का मर्डर कर दिया गया। जिसका कारण भी उनकी सफलता को ही बताया गया। गुलशन कुमार के चले जाने के बाद उनके छोटे भाई कृष्ण कुमार और बेटे भूषण कुमार ने कंपनी को संभाला और समय की मांग को देखते हुए इसमें कई नए बदलाव भी किए।टी सीरीज का यूट्यूब चैनल-
भूषण कुमार ने t-series का यूट्यूब चैनल शुरू किया जो आज दुनिया का मोस्ट व्यू और मोस्ट सब्सक्राइब यूट्यूब चैनल बन चुका है। टी सीरीज के यूट्यूब पर 145 मिलियन सब्सक्राइबर है। इसके अलावा उनके यूट्यूब नेटवर्क पर 29 चैनल्स अलग-अलग भाषाओं में शामिल है।
T-series और गुलशन कुमार की सफलता की कहानी। Success story of T series and Gulshan Kumar
Reviewed by Mohit patil
on
जुलाई 14, 2020
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