हनुमान जयंती: घर पर हनुमान जी की पूजा कैसे करें। How to do Hanuman worship in Hindi.
हनुमान जयंती: हनुमान जी की पूजा कैसे करे. ( How to worship lord Hanuman)
भगवान मारुति को बजरंगबली, हनुमान इन नामों से भी जाना जाता है। बजरंगबली सर्वशक्तिमान, महाबली, महापराक्रमी महाधैर्यवान और सर्वोत्कृष्ट भक्त माने जाते हैं। भाव, भक्ति, शक्ति, युक्ति और बुद्धि इन सभी गुणों की वे प्रतीक है। आज हम भगवान मारुति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी और उनके पूजन की विधि के बारे में जानेंगे:
हनुमान जी को फूल कैसे अर्पित करें?
हनुमान जी को विशिष्ट संख्या में फूल देने से हनुमान तत्व की प्राप्ति जल्दी होती है। पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश इन पांचों तत्व पर हनुमान जी का अधिपत्य है, इसी कारण उन्हें फूल चढ़ाते समय 5, 10, 15 या 20 इस तरह से चढ़ाएं।
शेंदूर या रुई के फूल हनुमान जी के पसंदीदा फूल है इसीलिए हनुमान जी को फूल चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें।
हनुमान जी को नारियल कैसे अर्पित करें?
हनुमान जी हो या कोई भी भगवान हो नारियल अर्पण करने की प्रथा काफी पहले से चली आ रही है। हनुमान जी को नारियल अर्पण करने से पहले उसे उनके मूर्ति के सामने हाथ में पकड़ के रखे। नारियल की शिखा(नीचे का भाग) हनुमान जी की तरफ होनी चाहिए। इसके बाद आप को हनुमान जी को प्रार्थना करनी है, आप चाहे तो इसी स्थिति में हनुमान चालीसा का पाठ भी कर सकते। इसके बाद नारियल को फोड़ के उसका आधा भाग अपने पास रखिए और आधा भाग अर्पित कर दीजिए। इस नारियल को ग्रहण करने से हनुमान जी की सात्विक लहरियो का आपको लाभ होगा।
हनुमान जी को प्रदक्षिणा करना-
काफी लोगों का सवाल होता है कि हनुमानजी को कितनी प्रदक्षिणा की जाए और किस तरह से की जाए.. आपको बता दें कि हनुमान जी के दर्शन लेने के बाद आपको मंदिर की पांच प्रदक्षिणा करनी है और हर प्रदक्षिणा के बाद आपको हनुमान जी को रुक के प्रणाम करना है
हनुमान जी को तेल कैसे चढ़ाएं?
हनुमान जी को तेल चढ़ाने के लिए आपको सबसे पहले अपने घर पर एक छोटे कप में तेल लेना है, इसके बाद उसमें चौदा काली उड़द की दाल डालनी है और फिर उसे हनुमानजी को अर्पित कर देना।
अगर कोई व्यक्ति बीमार हो तो ऐसे में उसे तेल चढ़ाने से पहले उसमें अपने चेहरे को देखना है। ऐसा करने से आप में हनुमान जी के अच्छे वाइब्रेशन आ जाएंगे और आपका स्वास्थ्य भी जल्दी ठीक हो जाएगा।
हनुमान जयंती या जन्मोत्सव?
आजकल बहुत से लोग कहते हैं कि हनुमान जी चिरंजीवी है इसी कारण हनुमान जयंती की जगह हनुमान जन्मोत्सव बोलकर इसे मनाना चाहिए।
हनुमान जी एक शाश्वत चैतन्य शक्ति है, इसी कारण वह शक्ति चिरंजीवी है यह शक्ति अंजनी द्वारा प्रकट हुई है। और हनुमान या फिर मारुति इस नाम से यह शक्ति कार्यरत है। जयंती का अर्थ होता है भगवान का जन्म दिवस इसी कारण हनुमान जयंती बोलना ही सही है।
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हनुमान चालीसा:
दोहा :
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
चौपाई :
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।
संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।।
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।।
दोहा :
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
हनुमान जयंती: घर पर हनुमान जी की पूजा कैसे करें। How to do Hanuman worship in Hindi.
Reviewed by Mohit patil
on
अप्रैल 04, 2020
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